खेत की परी
बहुत समय पहले एक गांव था। जिसका नाम फरमधन था। वहां के लोग मानते थे कि उनके गांव में एक परी रहती है। और अगर वहां के लोग बहुत परिश्रम करेंगे,तो परी भी उनके सामने प्रकट होगी और उनमें से किसी एक को बहुत सारा सोना और और वरदान देगी। इसलिए वहां के लोग हमेशा मेहनत करने में जुटे रहते थे और काम ढूंढते रहते थे। वह बहुत ही शांत जगह थी लोग एक परिवार की तरह रहते थे। लेकिन जब से उन्हें एक परी के बारे में पता चला तो वह सब परिश्रम करने में जुट गए थे। कुछ लोग अपने घरों में झाड़ू पोछा और अपने घर को अच्छा सुंदर बना कर रखते थे। वह दिन भर काम करते रहते थे। वह कभी-कभी अपने खाने पानी पीने के बारे में भी भूल जाते थे। उन्हीं लोगों में से एक का नाम जैनी । वह वृद्धा औरत थी मगर फिर भी बहुत बुद्धिमान और परिश्रम करने वाली थी। वह हमेशा इन लोगों के बारे में सोचती रहती थी। उसे पता चल गया था कि किसी के पास भी खाना-पीना नहीं है क्योंकि सब परिश्रम करने में लगे थे। लोगो को खाना देने के लिए वह और उसके पोते-पोती खेत में काम करने लगे। उधर उन्होंने टमाटर सेव आम और कई सारे फल तथा सब्जियां उगानी शुरू की। वह सबसे पहले गो को खाना देती थी जो बीमार थे।
अगले दिन परी ने सोचा कि मैं आज किस से मिलना चाहुंगी सारे गांव वाले लोग उसका इंतजार कर रहे थे।
तभी अचानक परी सबके सामने प्रकट हुई और कहा,”नमस्कार सभी को। मैं यहां पर आप सब से मिलने आई हूं ।आप सभी ने बहुत परिश्रम किया है! मगर मैं सिर्फ एक ही को छू लूंगी जिसने बहुत बहुत अच्छा परिश्रम किया हो।
वह जेनी के पास आई और बोली,”आपने बहुत परिश्रम किया।” यह कहने के बाद परी ने जैनी को बहुत सारा सोना दिया और कहा कि वह 200 साल जिएगी। फिर परी वहां से चली गई।जब से उस गांव के आधे लोग खेत में काम करना शुरू कर दिया और सभी को वह फल और सब्जियां बोतें हैं।
शिक्षा- हमें हर काम अच्छे से करना चाहिए और ऐसा काम करें जिससे सबका भला हो।
धन्यवाद