जंगल की सैर
सुबह जब मैं उठी जब मैंने अपने आप को जंगल में पाया,
ऊपर देखा तो फिर पेड़ों की छाया,
चिड़ियों की चहचहाहट,
जंगलों में रहने वाले भूतों की आहट,
मुझे बहुत डरा रही थी।
सब जगह था कोर,
तभी मैंने देखा एक मोर,
वह मोर बहुत सुंदर था।
तभी मेरे सामने बंदर टपका।
मैंने उनसे की दोस्ती,
और थोड़ी सी हुई हमारे बीच मस्ती,
थोड़े समय में हो गई थी शाम,
तभी मुझे याद आया अपना प्यारा फार्म।
मुझे कोई नहीं थी आस्था,
तो फिर मुझे मिला एक रास्ता,
मैं आगे बढ़ती गई,
और अचानक मेरी नींद खुल गई।
।।धन्यवाद।।